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Satyanarayan puja vrat katha

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श्रीसत्यनारायण की कथा और व्रत की महिमा सत्य को नारायण के रूप में पूजना ही सत्यनारायण की पूजा है।  इसका दूसरा अर्थ यह है कि संसार में एकमात्र नारायण ही सत्य हैं, बाकी सब माया है. सत्य में ही सारा जगत समाया हुआ है. सत्य के सहारे ही शेष भगवान पृथ्वी को धारण करते हैं।  सत्य को नारायण के रूप में पूजना ही सत्यनारायण की पूजा है।  इसका दूसरा अर्थ यह है कि संसार में एकमात्र नारायण ही सत्य हैं, बाकी सब माया है. सत्य में ही सारा जगत समाया हुआ है।  सत्य के सहारे ही शेष भगवान पृथ्वी को धारण करते हैं।  श्रीसत्यनारायण व्रत का वर्णन देवर्षि‍ नारद जी के पूछने पर स्वयं भगवान विष्णु ने अपने मुख से किया है।  श्रीसत्यनारायण व्रत की कथा: एक बार योगी नारद जी ने भ्रमण करते हुए मृत्युलोक के प्राणियों को अपने-अपने कर्मों के अनुसार तरह-तरह के दुखों से परेशान होते देखा।  इससे उनका संतहृदय द्रवित हो उठा और वे वीणा बजाते हुए अपने परम आराध्य भगवान श्रीहरि की शरण में हरि कीर्तन करते क्षीरसागर पहुंच गये और स्तुतिपूर्वक बोले, ‘हे नाथ! यदि आप मेरे ऊपर प्रसन्न हैं तो मृत्युलोक के प्राणिय...

sawan somvar vrat katha

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श्रावण सोमवार की व्रत कथा सावन का पवित्र महीना जुलाई या अगस्त माह में शुरू होता है। शिव भक्त इस महीने का बहुत ही बेसब्री से इंतजार करते हैं, ताकि वह अपने भोले को प्रसन्न कर सके और उनकी कृपा पा सकें। भोलेबाबा को खुश करने के लिए लोग कई तरह के विशेष पूजन व उपाय करते हैं। कई भक्तगण सावन के पूरे माह ही व्रत करते हैं तो कई केवल सावन सोमवार का व्रत करते हैं। ऐसे में अगर आप किसी कारण व्रत नहीं कर पा रहे तो व्रत की कथा जरूर पढ़े या किसी से सुने।  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का यह महीना भगवान शिव को काफी पसंद होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन महीने में पड़ने वाले सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना करने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस दिन व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस महीने में लोग सुखी विवाहित जीवन की कामना के लिए व्रत रखते हैं। इसके साथ ही महिलाएं अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए भी इस महीने व्रत रखती हैं। भगवान शिव की पूजा के लिए और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से सावन सोमवार व्रत रखे जाते हैं। अगर विवाह में अड़चनें आ रही हों तो संकल्प लेकर सावन के सोमवार का व्र...

Maa Lakshmi Aarti Lyrics in Hindi

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Lakshmi Mata Aarti Lyrics in Hindi (ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता) x २ (उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ जय लक्ष्मी माता) x २ (दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॐ जय लक्ष्मी माता) x २ (तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता ॐ जय लक्ष्मी माता) x २ (जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता ॐ जय लक्ष्मी माता) x २ (तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता ॐ जय लक्ष्मी माता) x २ (शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॐ जय लक्ष्मी माता) x २ (महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता ॐ जय लक्ष्मी माता) x २ (ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता, ॐ जय लक्ष्मी माता) x २ Lakshmi Mata Aarti Lyrics (English) [Om j...

Hanuman Aarti Lyrics in Hindi

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Hanuman Aarti Lyrics in Hindi Hanumam ji  आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की जाके बल से गिरिवर कांपे रोग दोष जाके निकट न झांके अंजनि पुत्र महा बलदाई सन्तन के प्रभु सदा सहाई आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की दे बीरा रघुनाथ पठाए लंका जायी सिया सुधि लाए लंका सो कोट समुद्र सीखाई जात पवनसुत बार न लाई आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की लंका जारि असुर संहारे सियारामजी के काज सवारे लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे आनि संजीवन प्राण उबारे आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की पैठि पाताल तोरि जम कारे अहिरावण की भुजा उखारे बाएं भुजा असुरदल मारे दाहिने भुजा संत जन तारे आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की सुर नर मुनि आरती उतारें जय जय जय हनुमान उचारें कंचन थार कपूर लौ छाई आरती करत अंजनी माई आरती कीजै हनुमान लला की दुष्ट दलन रघुनाथ कला की आरती कीजै हनुमान लला की जो हनुमानजी की...

Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi

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Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारी बरनौ रघुबर बिमल जसु, जो दायकू फल चारि बुध्दि हीन तनु जानिके सुमिरौ पवन कुमार | बल बुध्दि विद्या देहु मोंही , हरहु कलेश विकार || <<...ॐ...>> चोपाई <<...ॐ...>> जय हनुमान ज्ञान गुन सागर | जय कपीस तिहुं लोक उजागर || राम दूत अतुलित बल धामा | अंजनी पुत्र पवन सुत नामा || महाबीर बिक्रम बजरंगी| कुमति निवार सुमति के संगी || कंचन बरन बिराज सुबेसा | कानन कुण्डल कुंचित केसा || हाथ वज्र औ ध्वजा विराजे| काँधे मूंज जनेऊ साजे|| संकर सुवन केसरी नंदन | तेज प्रताप महा जग बंदन|| विद्यावान गुनी अति चातुर | राम काज करिबे को आतुर || प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया | राम लखन सीता मन बसिया || सुषम रूप धरी सियहि दिखावा | बिकट रूप धरी लंक जरावा || भीम रूप धरी असुर संहारे | रामचंद्र के काज संवारे || लाय संजीवन लखन जियाये | श्रीरघुवीर हरषि उर लाये || रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई | तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई || सहस बदन तुम्हरो जस गावे | अस कही श्रीपति कंड लगावे || सनकादिक ब्रह्मादी मुनीसा| नारद सारद सहित अहीसा || जम कुबेर दिग...

Durga Mata Aarti Lyrics in Hindi & English

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Durga Mata Aarti Lyrics in Hindi Maa Durga ॥अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ ॥अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ ॥तेरे भक्त जनों पे माता भीड पड़ी है भारी दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी तेरे भक्त जनों पे माता भीड पड़ी है भारी दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी॥ ॥सौ-सौ सिहों से भी बलशाली, है दस भुजाओं वाली, दुखियों के दुखड़े निवारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ ॥अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ ॥माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता पूत-कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता पूत-कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता॥ ॥सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली दुखियों के दुखड़े निवारती ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ ॥अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ ॥ न...